भारत ने वाशिंगटन डी.सी. में आयोजित विश्व बैंक (world bank) भूमि सम्मेलन 2025 में अपनी प्रभावशाली और निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराई। 5 से 8 मई तक आयोजित इस चार दिवसीय सम्मेलन में भारत ने पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज के नेतृत्व में “समावेशी, प्रौद्योगिकी-संचालित ग्रामीण शासन” के मॉडल के रूप में स्वामित्व योजना और ग्राम मानचित्र जैसी अभिनव पहलों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।
🔹 स्वामित्व योजना: भूमि अधिकारों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि
“भूमि पट्टे और शासन सुधार में अच्छे अभ्यास और चुनौतियां” विषयक सत्र में बताया गया कि स्वामित्व योजना न केवल ग्रामीण भारत में सुरक्षित संपत्ति अधिकारों की स्थापना कर रही है, बल्कि यह महिलाओं को सशक्त बना रही है, कृषि व ग्रामीण ऋण तक पहुँच को आसान बना रही है, और आजीविका के अवसरों को भी बढ़ा रही है।
- 68,000 वर्ग किमी से अधिक भूमि का सर्वेक्षण
- ₹1.16 ट्रिलियन की भूमि संपत्ति का मुद्रीकरण
- लाखों ग्रामीणों को मिला संपत्ति अधिकार
इन आंकड़ों के साथ स्वामित्व योजना को वैश्विक स्तर पर एक स्केलेबल और समावेशी आर्थिक परिवर्तन मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
🔹 “एक अरब लोगों के लिए भूमि अधिकार” – भारत की अगुआई में विशेष सत्र
भारत ने सम्मेलन में “एक अरब लोगों के लिए भूमि अधिकारों को सुरक्षित करना” नामक एक विशेष सत्र का नेतृत्व किया। इसमें विश्व बैंक (world bank) के विभिन्न विभागों और कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सत्र में ड्रोन आधारित भूमि सर्वेक्षण, संपत्ति कार्ड जारी करने, कानूनी ढांचे और संस्थागत अभिसरण जैसे पहलुओं पर भारत के समग्र दृष्टिकोण की सराहना की गई।
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🔹 ग्राम मानचित्र: जलवायु लचीलापन और आपदा प्रबंधन में भारत की तकनीकी पहल
सम्मेलन के तकनीकी सत्र में, पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने ग्राम मानचित्र नामक भू-स्थानिक नियोजन उपकरण का प्रदर्शन किया। यह मंच ग्राम पंचायतों को डेटा-संचालित, स्थानीय विकास योजनाएं तैयार करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि यह उपकरण:
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में सहायक है
- आपदा प्रबंधन की तैयारी को बेहतर बनाता है
- समावेशी और स्थानीयकृत विकास को बढ़ावा देता है
श्री नागर ने क्षमता निर्माण, वित्तीय प्रोत्साहन और समुदाय की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए ग्राम मानचित्र को दूरदर्शी और व्यावहारिक समाधान के रूप में प्रस्तुत किया।
🔍 निष्कर्ष
विश्व बैंक (world bank) भूमि सम्मेलन 2025 में भारत ने न केवल अपनी नीतियों और तकनीकी पहलों को प्रस्तुत किया, बल्कि वैश्विक नीति निर्माण में एक प्रेरणास्रोत की भूमिका भी निभाई। स्वामित्व योजना और ग्राम मानचित्र जैसे कार्यक्रमों ने यह साबित किया कि कैसे तकनीक और समावेशिता को एक साथ लाकर संपत्ति अधिकारों के माध्यम से समावेशी विकास को साकार किया जा सकता है।
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